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णमो अरिहंताणं | णमो सिद्धाणं | णमो आयरियाणं | णमो उवज्झायणं | णमो लोए सव्व साहूणं | एसो पंच णमोक्कारो, सव्व पावप्प णासणो मंगलाणं च सव्वेसिं, पडमम हवई मंगलं |
PRATHAM TIRTHANKAR SHREE ADINATH BHAGVAAN
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प्र.41: भगवान श्री आदिनाथ ने अपने पुत्रो को कौन सी शिक्षा दी?

उ.41: अर्थशास्त्र, नृत्यशास्त्र, चित्रकला, वास्तुशास्त्र, शिल्पशास्त्र, कामशास्त्र, आयुर्वेद, तंत्र परीक्षा, रत्न परीक्षा आदि अनेक शास्त्रों को पढ़ाया

प्र.42: भगवान श्री आदिनाथ ने कौन कौन से वर्णों का प्रतिपादन किया?

उ.42: भगवान श्री आदिनाथ ने क्षत्रिय, वेश्य, शुद्र इन तीन वर्णों का विदेह क्षेत्र की व्यवस्था के अनुसार प्रतिपादन किया

प्र.43: ब्राहमण वर्ण की उत्पत्ति किसने की?

उ.43: भरत चक्रवर्ती ने

प्र.44: भगवान श्री आदिनाथ ने अपनी प्रजा को कौन सी शिक्षा दी?

उ.44: भगवान श्री आदिनाथ ने प्रजा को षट्कर्म का उपदेश दिया-१. असि, २. मसि, ३. कृषि, ४.वाणिज्य, ५. शिल्प, ६. विद्या

प्र.45: असि किसे कहते हैं?

उ.45: तलवार शस्त्र आदि धारण करना समाज की रक्षा करना असि कर्म कहलाता है

प्र.46: मसि कर्म किसे कहते हैं?

उ.46: लिखकर आजीविका करना मसि कर्म कहलाता हैं

प्र.47: भगवान् श्री वृषभदेव को कृतयुग क्यों कहा जाता है?

उ.47: कर्म युग का प्रारंभ करने से उन्हें कृतयुग कहा जाता हैं

प्र.48: भगवान श्री आदिनाथ को इक्ष्वाकु क्यों कहते हैं?

उ.48: भगवान् ने मनुष्यों को इक्षु रस संग्रह करने का उपदेश दिया इसीलिए उन्हें इक्ष्वाकु कहते हैं

प्र.49: भगवान श्री आदिनाथ को कश्यप क्यों कहते हैं?

उ.49: काश्य-तेज के रक्षक होने से उन्हें काश्यप कहते हैं

प्र.50: भगवान् को मनु, कुलकर क्यों कहा जाता हैं?

उ.50: उन्हें मनन करने से मनु तथा कुलो की व्यवस्था करने से कुलकर तथा कुलधर कहा जाता हैं

प्र.51: भगवान् श्री आदिनाथ को वैराग्य केसे हुआ?

उ.51: नृत्य करते हुए नीलांजना अप्सरा की मृत्यु जानकर

प्र.52: भगवान् श्री आदिनाथ ने किसी तिथि को दीक्षा ली थी?

उ.52: चैत्र कृष्णा नवमी

प्र.53: भगवान् श्री आदिनाथ ने जब दीक्षा ली थी तो कौनसा नक्षत्र था?

उ.53: उत्तराषाढ़ा नक्षत्र

प्र.54: भगवान् श्री आदिनाथ ने कौन से वन में दीक्षा ली?

उ.54: सिद्धार्थकवन में
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