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णमो अरिहंताणं | णमो सिद्धाणं | णमो आयरियाणं | णमो उवज्झायणं | णमो लोए सव्व साहूणं | एसो पंच णमोक्कारो, सव्व पावप्प णासणो मंगलाणं च सव्वेसिं, पडमम हवई मंगलं |
PRATHAM TIRTHANKAR SHREE ADINATH BHAGVAAN
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प्र.21: भगवान श्री आदिनाथ जन्म से कितने ज्ञान के धारक थे?

उ.21: मति, श्रुत,अवधि तीन ज्ञान के धारक थे

प्र.22: भगवान श्री आदिनाथ किस भोज्य सामग्री का भोजन करते थे?

उ.22: स्वर्ग की दिव्य भोज्य सामग्री का

प्र.23: भगवान की भोज्य सामग्री कहाँ से आती थी?

उ.23: प्रतिदिन स्वर्ग से देवो द्वारा लायी जाती थी

प्र.24: भगवान श्री आदिनाथ के शरीर की उचाई कितनी थी?

उ.24: पांच सौ धनुष (दो हज़ार हाथ थी)

प्र.25: भगवान श्री आदिनाथ के शरीर का रंग कैसा था?

उ.25: तपाये हुए स्वर्ण सामान

प्र.26: भगवान श्री आदिनाथ की प्रतिमा का चिन्ह क्या है?

उ.26: वृषभ (बैल)

प्र.27: भगवान श्री आदिनाथ ने कितने वर्ष तक राज्य किया?

उ.27: त्रेसठ लाख वर्ष पूर्व तक

प्र.28: भगवान श्री आदिनाथ की कितनी रानियाँ थी?

उ.28: दो रानियाँ

प्र.29: दोनों रानियों के नाम क्या थे?

उ.29: नंदा व सुनंदा अथवा यशस्वती और सुनंदा

प्र.30: ये दोनों कन्याये कौन थी?

उ.30: ये दोनों कन्याये राजा कच्छ एवं महाकच्छ की बहिने थी

प्र.31: यशस्वती रानी से भगवान श्री आदिनाथ के कितने पुत्र हुए?

उ.31: यशस्वती रानी ने चक्रवर्ती भरत, वृषभसेन, अनंतविजय अनंतवीर्य अच्युतवीर्य, वीरवर वीर आदि सौ पुत्र हुए

प्र.32: यशस्वती रानी ने कौन सी कन्या रत्न को जन्म दिया?

उ.32: ब्राह्मी नाम की कन्या को

प्र.33: भगवान श्री आदिनाथ की सुनंदा रानी ने कौन से पुत्र को जन्म हुआ?

उ.33: भगवान श्री बाहुबली का

प्र.34: भगवान श्री आदिनाथ की सुनंदा रानी से कौन सी कन्या का जन्म हुआ?

उ.34: सुन्दरी नाम की कन्या का

प्र.35: भगवान श्री बाहुबली की क्या विशेषताए थी?

उ.35: वे प्रथम कामदेव, चक्रीजित, पौदनपुर नरेश, तथा तदभव मोक्षगामी थे

प्र.36: भगवान श्री बाहुबली की प्रमुख विशेषता क्या थी?

उ.36: उनके शारीर का वर्ण नील वर्ण तथा शारीर की ऊँचाई सवा पांच सौ धनुष थी

प्र.37: भगवान भरत की विशेषता क्या थी?

उ.37: वे प्रथम चक्रवर्ती, तदभव मोक्षगामी अंतमर्हुत में केवलज्ञान प्राप्त करने वाले थे तथा उन्ही के नाम से हमारे देश का नाम भारतवर्ष जाना जाता है

प्र.38: तीर्थंकरो के कन्याये नहीं होती फिर भी आदिनाथ के क्यों हुई?

उ.38: हुंडावसर्पिणी काल के दोष से

प्र.39: भगवान श्री आदिनाथ ने ब्राह्मी कन्या को कौन सी शिक्षा दी?

उ.39: भगवान श्री आदिनाथ ने ब्राह्मी कन्या को अ, आ, क, ख आदि स्वर और व्यंजनों की शिक्षा दी इसीलिए इस लिपि को ब्राह्मी लिपि कहा जाता है

प्र.40: भगवान श्री आदिनाथ ने सुन्दरी कन्या को कौन सी शिक्षा दी?

उ.40: इकाई, दहाई, एक से लेकर आदि अंको की शिक्षा दी
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