Untitled Document
णमो अरिहंताणं | णमो सिद्धाणं | णमो आयरियाणं | णमो उवज्झायणं | णमो लोए सव्व साहूणं | एसो पंच णमोक्कारो, सव्व पावप्प णासणो मंगलाणं च सव्वेसिं, पडमम हवई मंगलं |
AAO AADINATH KO JANE | AAO CHANDA PRABHU KO JANE | NAMOKAR KI MAHIMA | AAO MAHAVEER KO JANE
दर्शन विधि | वेदी की प्रदक्षिणा | तीर्थंकर और भगवान् का अंतर | नरक | जैन शब्द का अभिप्राय | धर्म और ज्ञान का अंतर | साधू की पिच्छिका और कमण्डलु | साधू की आहार चर्या और केशलोंच | वैराग्य | कर्म

तीर्थंकर और भगवान् में क्या अंतर है

घातिया और अघातिया कर्मों का नाश करने वाली सभी आत्माएं भगवान् होती है। जिन महान आत्माओं के द्वारा तीर्थ की प्रवृत्ति चलती है उन्हें तीर्थंकर कहा जाता है। प्रत्येक तीर्थंकर भगवान् है किन्तु भगवान् आत्मा तीर्थंकर नहीं होती। तीर्थंकरों के पंचकल्याणक भी होते है।

Untitled Document